भाखड़ा बाँध
भाखड़ा बाँध समुद्र तल से लगभग २२६ मी० की ऊंचाई पर स्थित है और यह अपनी ऊंचाई से प्रयतकों को हैरान कर देता है| भाखड़ा बाँध ९० कि०मी० लम्बा और १६८ वर्ग किमी के क्षेत्रफल में फैला हुआ है और भाखड़ा बांध और नंगल बांध का एक संयोजक है| भाखड़ा बांध नंगल शहर और नंगल बांध से 13 किमी ऊपर है और दूसरी तरफ 13 किमी नीची धारा है| भाखड़ा नंगल बांध का निर्माण वर्ष १९४८ में शुरू किया गया था और वर्ष १९६३ के अंत तक पूरा किया हो गया|
प्रारंभ में, बांध का निर्माण सर लुई डेन, पंजाब के लेफ्टिनेंट गवर्नर द्वारा शुरू किया गया था| लेकिन इस परियोजना में देरी हो गयी और इसे फिर से पुनर्भिविन्यासित किया गया और स्वतंत्रता के बाद जल्द ही चरणबद्ध हो गया| अक्टूबर १९६३ में देश को भाखड़ा नंगल परियोजना के समर्पण समारोह पर प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने कहा,"यह बांध मानव जाती के लाभ के लिए कठिन मानवशक्ति के साथ बनाया गया है जोकि पूजा के योग्य है| आप इसे मंदिर,गुरुद्वारा या मस्जिद कह सकते हैं जोकि हमारी श्रधा को प्रेरित करता है|" यह नया नंगल से पंद्रह किलोमीटर और नैना देवी से बीस किमी दूर है|
गोविंद सागर झील
सतलुज नदी पर गोविंद सागर झील एक विशाल जलाशय है और भाखड़ा नंगल जोकि दुनिया के दूसरे सबसे ऊँचे गुरुत्वाकर्षक बांध का परिणाम है| यह बिलासपुर जिले का का एक महत्वपूर्ण स्थान है| झील का नाम सिखों के दसवें और अंतिम गुरु श्री "गुरु गोबिंद सिंह" के नाम पर रखा गया है| अक्तूबर और नवम्बर में जलाशय का जलस्तर चरम सीमा पर होता है और पर्यटन और नागरिक उड्डयन विभाग द्वारा नौका दौड़ की एक श्रृंखला करवाई जाती है| इस समय के दौरान जल सम्बन्धी खेल जैसे कि वाटर स्कीइंग, नौकायन, कयाकिंग और जल स्कूटर रेसिंग इत्यादि खेल करवाए जाते हैं| झील का पता लगाने के लिए स्पीड बोट और नौका सवारी जैसी सुविधाओं की एक विस्तृत श्रृंखला उपलब्ध है| हर जाड़े में पर्वतारोहण संस्थान यहां जल क्रीडा के उत्सव आयोजित करते हैं|
|